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Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय सरकारी पॉलिटेक्निक को डिजिटल लर्निंग समाधान प्रदान करेगा

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 15 मई। जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत सरकारी बहुतकनीकी संस्थानों और कॉलेजों को डिजिटल शिक्षण समाधान प्रदान करने में सहयोग करेगा।
यह आश्वासन कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने हरियाणा सरकार के तकनीकी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभागों के प्रधान सचिव श्री आनंद मोहन शरण को दिया और कहा कि सरकारी बहुतकनीकी संस्थानों और कॉलेजों के लिए डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम शुरू करने में विश्वविद्यालय विभाग की मदद करेंगे। श्री आनंद मोहन शरण विश्वविद्यालय के कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग द्वारा हरियाणा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग, कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ. कोमल कुमार भाटिया और कंप्यूटर सेंटर और डिजिटल मामलों की निदेशक डॉ. नीलम दुहन भी उपस्थित थी। दो दिवसीय कार्यक्रम में देशभर के 13 राज्यों से 35 से अधिक कॉलेजों और स्कूलों के 576 छात्रों ने भाग लिया।
कुलपति ने प्रधान सचिव को महामारी के दौरान विश्वविद्यालय द्वारा विकसित डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (डीएलएमएस), आक्सीजन रि-फिलिंग मैनेजमेंट सिस्टम और कोविड हेल्पडेस्क जैसी डिजिटल पहलों से अवगत कराया। कोविड हेल्पडेस्क (https://jcboseust.ac.in/content/covid_desk) के माध्यम से विश्वविद्यालय जरूरतमंद लोगों को प्लाज्मा, अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन की आपूर्ति और अन्य जानकारी उपलब्ध करवा रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल पहल के कारण विश्वविद्यालय ने महामारी के दौरान न केवल अपनी टीचिंग-लर्निंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है, बल्कि अपनी परीक्षाएं समय पर आयोजित करने में भी सक्षम हुआ है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री. आनंद मोहन शरण ने कोविड़ हेल्पडेस्क, आक्सीजन रि-फिलिंग मैनेजमेंट सिस्टम और विशेष रूप से डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के लिए विश्वविद्यालय की डिजिटल पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकारी बहुतकनीकी संस्थानों और कॉलेजों में यह व्यवस्था लागू होने से न केवल टीचिंग-लर्निंग को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा बल्कि सरकारी संसाधनों की भी बचत होगी। उन्होंने विश्वविद्यालय से सरकारी बहुतकनीकी संस्थानों और कॉलेजों के स्तर पर प्रणाली शुरू करने के लिए विभाग की मदद करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और अनुसंधान को आम लोगों तक पहुंचाना इंजीनियरों का काम है।
कार्यक्रम के समापन पर कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग ने मुख्य अतिथि का धन्यवाद किया। इससे पहले उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा की तथा विद्यार्थियों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शोध के लिए प्रेरित किया। प्रतियोगिताओं के विजेताओं को नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. नीलम दुहन ने बताया कि इन कार्यक्रमों में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, पंजाब, मध्य प्रदेश, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, गुजरात, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ सहित 13 राज्यों के प्रतिभागियों की भागीदारी रही।
विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम इस प्रकार रहेः पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के विकास विजेता रहे। लायलपुर खालसा कॉलेज जालंधर के धवल आनंद और जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के हिमांशु ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। इसी तरह स्कूल श्रेणी में बक्सी जगबंधु स्कूल, ओडिशा की आयशा पांडा ने पहला पुरस्कार, होली क्रॉस स्कूल, अगरतला से बैभव दत्ता और सेंट जोसेफ को-एड स्कूल, भोपाल की रिया जैन ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। प्रश्न हल करने की तकनीकी प्रतियोगिता में डीएवी कॉलेज, अंबाला की टीम ने पहला पुरस्कार जीता, जबकि बीआरसीएम पब्लिक स्कूल, भिवानी और जे.सी. बोस विश्वविद्यालय की टीमों ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के मानसी भारद्वाज, हार्दिक मेहता और अनुराग सिंह ने क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया।

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