Faridabad NCR
श्री सिद्धदाता आश्रम में शरद पूर्णिमा पर विशेष पूजन
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : सूरजकुंड रोड स्थित श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम (श्री सिद्धदाता आश्रम) में शरद पूर्णिमा का पर्व आस्था एवं विश्वास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सायंकालीन पूजा के उपरांत भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ और रात्रि 12 बजे भक्तों को प्रसाद प्रदान किया गया।
शरद पूर्णिमा के बारे में अधिपति श्रीमद जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने बताया कि मान्यता के अनुसार इस दिन चंद्रदेव अपनी सोलह कलाओं में पूर्ण होते हैं और पृथ्वी पर अमृत शक्ति बरसाते हैं। इसीलिए शरद पूर्णिमा पर रात्रि जागरण की परंपरा हमारे सनातन धर्म में है। इस दिन हम खीर बनाकर भी रात्रि को रखते हैं। यह खीर विभिन्न प्रकार के रोगों का नाश कर स्वास्थ्य प्रदान करने वाली होती है।
स्वामी जी ने बताया कि मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन से उत्पन्न मां लक्ष्मी जी शरद पूर्णिमा के दिन धरती पर विचरण करने आते हैं और अपने भक्तों को धन-धान्य से परिपूर्ण करती हैं। उन्होंने बताया कि इस दिन चंद्र देव की पूजा का विधान तो है ही साथ ही अपने इष्ट देव, कुलदेवी और मां महालक्ष्मी के पूजन का भी विधान है।
श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में सायं की आरती के बाद भजन संगीत का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। जिसमें अच्छी संख्या में भक्तगण जुटे। जिन्होंने रात्रि 12 बजे चंद्र देव के दर्शन करने के उपरांत प्रसाद एवं भोजन प्रसाद प्राप्त किया।
श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में शरद पूर्णिमा पर पूजन का विधान स्थापना काल से ही चला आ रहा है, जिसमें भक्तों की अटूट आस्था बनी हुई है।