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एस.एस.बी हार्ट एंड मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल में अत्याधुनिक हाइब्रिड प्रक्रिया ने बचाई एक जान

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Faridabad Hindustanabtak.com DineshBhardwaj : एस.एस.बी हार्ट एंड मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल ने चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की
है। गाजियाबाद के एक मरीज की जान बचाने के लिए एस.एस.बी अस्पताल ने पहली बार हाइब्रिड प्रक्रिया का इस्तेमाल किया। महाधमनी विच्छेदन के टाइप ए के इलाज में पारंपरिक सर्जरी और एंडोवास्कुलर स्टेंटिंग को मिलाकर की गई यह प्रक्रिया बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण मानी जाती है। मरीज दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में दाखिल था जहां संतुष्टि न होने के कारण जब वह एस.एस.बी. अस्पताल पहुंचे तो उन्हें सीने में दर्द, खतरनाक रूप से बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर और अचानक किडनी फेलियर की समस्या थी। जांच में पता चला कि उन्हें टाइप ए महाधमनी विच्छेदन हुआ था, जो जानलेवा स्थिति है। इस स्थिति का इलाज बेहद जटिल है क्योंकि न तो पूरी महाधमनी की सर्जरी संभव है, न ही पूरे महाधमनी में एंडोवास्कुलर स्टेंट ग्राफ्ट किया जा सकता है, क्योंकि इससे मस्तिष्क और दोनों हाथों की धमनियों में रक्त का प्रवाह रुक सकता है। इस जटिल परिस्थिति को देखते हुए अस्पताल के दो सीनियर डॉक्टरों – हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सुदीप सिंह सिधू (मुख्य हृदय शल्यचिकित्सक) और डॉ. एस. एस. बंसल (एस.एस.बी. अस्पताल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक) ने मिलकर एक अनूठा समाधान निकाला: हाइब्रिड प्रक्रिया। इस प्रक्रिया में दो चरण शामिल थे। पहले चरण में डॉ. सिधू ने महाधमनी विच्छेदन से पहले शुरुआती महाधमनी को मस्तिष्क और हाथों की धमनियों को बाईपास ग्राफ्ट से जोड़ा। इसके बाद दूसरे चरण में डॉ. बंसल ने महाधमनी में एंडोवास्कुलर स्टेंट लगाकर विच्छेदन को बंद कर दिया। यह बेहद जटिल प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न हुई, जो चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। मरीज ने दोनों प्रक्रियाओं के बाद उल्लेखनीय सुधार दिखाया, जो इस बात का प्रमाण है कि हाइब्रिड प्रक्रिया जटिल महाधमनी विच्छेदन के इलाज में कितनी प्रभावी है। यह सफलता न केवल अस्पताल की उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, बल्कि इसे गंभीर मामलों में अत्याधुनिक चिकित्सा इंटरवेंशन के लिए एक केंद्र के रूप में भी स्थापित करती है। चिकित्सा जगत इस उपलब्धि को जटिल हृदय रोगों के इलाज की उम्मीद के रूप में देखता है, और यह दिखाता है कि गंभीर से गंभीर समस्या के इलाज को संभव बनाया जा सकता है।

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