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गुरु कृपा से सरल हो जाती है संसार की यात्रा – स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : सूरजकुंड रोड स्थित श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम (श्री सिद्धदाता आश्रम) में आज नामदान कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें 300 से ज्यादा लोगों ने जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज से दीक्षा प्राप्त की।

इस अवसर पर अधिपति अनंतश्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद् जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि नामदान अध्यात्म में एक ऐसी परंपरा है जिसके जरिए हम भगवान के मार्ग पर चलना प्रारंभ करते हैं। हमें गुरु ऐसा मार्ग बताते हैं जो परंपरा द्वारा अनुभव किया हुआ मार्ग होता है और उस मार्ग पर हम भरोसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि परमात्मा से जीव को मिलाने का काम गुरु करते हैं, इसलिए गुरु का महत्व ज्यादा है। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने कहा कि बिना ज्ञान के कुछ भी प्राप्त नहीं होता है और यह ज्ञान हमें गुरु से प्राप्त होता है। इसलिए हमें गुरु की शरण में जाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि अध्यात्म में शरणागति चरम और सरल उपाय है। भगवान कृष्ण ने गीता में अर्जुन को कर्मयोग, भक्तियोग, ज्ञानयोग के बारे में बताया लेकिन अर्जुन के समझ नहीं आया लेकिन जब भगवान ने उसे शरणागति के बारे में बताया और उसके मोक्ष की जिम्मेदारी ली, तब अर्जुन ने युद्ध प्रारम्भ किया। जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने बताया कि इस जीवन में हमारा कर्म पर अधिकार है लेकिन फल पर नहीं है। लेकिन जब आप भगवान की शरणागति ले लेते हैं तब आपको कर्म का फल अवश्य ही मिलता है, उसके लिए चिंता नहीं करनी है।

इस अवसर पर उन्होंने अनेक उदाहरणों के जरिए गुरु कृपा के बारे में भी विस्तार से बताया। अंत में नवदीक्षार्थी पुरुषों ने लेटकर दण्डवत और महिलाओं ने घुटनों से साष्टांग होकर प्रणाम कर शरणागति ली और बताए गए नियमों को जीवन में स्वीकार करने का वचन लिया। वहीं सुमधुर भजनों पर भक्तगण झूमते दिखे। सभी ने प्रसाद, आशीर्वाद एवं भोजन प्रसाद प्राप्त किया।

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