Faridabad NCR
केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने की एसएसबी अस्पताल में रेडियल लाउज सुविधा की शुरूआत
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणीय एसएसबी हार्ट एंड मल्टीस्पेशयलिटी अस्पताल में विश्वस्तरीय रेडियल लाउज सुविधा शुरू की है। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने इस सुविधा का विधिवत शुरुआत की। इस अवसर पर अस्पताल के सीएमडी और सीनियर इंटरवेशनल कार्डियोलॉजिस्ट डा. एस.एस. बंसल ने श्री गुर्जर का अस्पताल पहुंचने पर फूलों का बुक्के देकर स्वागत किया। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि एसएसबी अस्पताल चिकित्सा क्षेत्र में नित-नई सुविधाएं लाकर शहर के लोगों को उच्चस्तरीय सेवाएं उपलब्ध करवा रहा है और यह शहर के लोगों के लिए हर्ष की बात है कि उन्हें अपने ही शहर में एक ही छत के नीचे इस अस्पताल में तमाम चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो रही है। इस मौके पर अस्पताल के सीएमडी और सीनियर इंटरवेशनल कार्डियोलॉजिस्ट डा. एस.एस. बंसल ने बताया कि अब इस नए रेडियल लाउज की वजह से जिन मरीजों को एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की जरूरत है, वे इंटेसिव केयर यूनिट में भर्ती हुए बिना रेडियल लाउज का लाभ उठा सकते है। उन्होंने बताया कि वे लग्जरी काउच पर आराम कर सकते है, रेडियल एंजियोग्राफी प्रक्रिया देख सकते है, अपनी रेडियल एंजियोग्राफी करवा सकते है और यहां तक कि अपने एक अटेंडर के रेडियल लॉन्ज में बैठ भी सकते है और उसी दिन घर जा सकती है और यह दिल्ली एनसीआर में एक अनोखी सुविधा है। डा. बंसल ने बताया कि इस प्रकार की सरल प्रक्रिया है, जो यह पता लगाने के लिए की जाती है कि क्या हृदय की नसों में ब्लॉक है, जो हृदय की मांसपेशियों में रक्त ले जाती है। आमतौर पर यह लगभग सभी अस्पतालों में रोगी को कई दिन के लिए एडमिट किया जाता है, लेकिन रेडियल लाउज की मदद से रोगी उसी दिन घर जा सकता है। अस्पताल में भर्ती हुए बिना रेडियल लाउज में हार्ट एंजियोग्राफी के लिए आए और फिर आराम से एंजियोग्राफी प्रक्रिया के बाद आप चलकर जा सकते है। उन्होंने बताया कि यह पंचर साइट पर रक्तस्त्राव के किसी भी जोखिम के बिना एक बहुत ही सुरक्षित प्रक्रिया है, जबकि पारंपरिक जांघ की नस के मार्ग में, बिना पता चले कई लीटर रक्तस्त्राव हो सकता है। यह रक्तस्त्राव जांघ या पेट के अंदर गहरा होता है इसलिए खून की कमी का किसी भी प्रकार के संकेत न मिलने की वजह से जीवन के लिए खतरा बन सकता है, दिल के दौरे के रोगी के लिए भी रेडियल एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग फीमोरल एंजियोप्लास्टी स्टेटिंग की तुलना में अधिक सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के उपरांत न केवल मरीज घर जा सकता है बल्कि शौच करना व खाना खाने जैसे कार्य भी आराम से कर सकता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल का उद्देश्य लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं वाजिब दामों पर उपलब्ध करवाना है और इसी को लेकर वह और उनके सहयोगी डाक्टर कार्य कर रहे है। गौरतलब है कि डा. एस.एस. बंसल एंजियोग्राफी एवं एंजियोप्लास्टी के एक्सपर्ट है और उन्होंने ही पहली बार हरियाणा में इसकी शुरूआत की थी।