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Faridabad NCR

महिला हेल्पलाइन 181 से मिलेगी हिंसा प्रभावित महिलाओं को सहायता : उपायुक्त यशपाल

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 7 जुलाई। उपायुक्त यशपाल के मार्गदर्शन में जिला फरीदाबाद में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर चलाया जा रहा है। जिसमे महिला हेल्पलाइन 181 के साथ मिलकर हिंसा से प्रभावित महिलाओं को 24 घंटे आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है।

वन स्टॉप सेंटर जिला फरीदाबाद के नागरिक/ बी.के अस्पताल में चलाया जा रहा है। वन स्टॉप सेंटर (सखी) अंतर्गत सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर  सेवाएँ नि:शुल्क प्रदान की जाती है। इनमें कानूनी सहायता/कानूनी परामर्श, हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए न्याय तक पहुंच की सुविधा के लिए कानूनी सहायता और परामर्श दोनों प्रदान किया जा रहा है। पुलिस सहायता, ओएससी एफआईआर/एनसीआर/डीआईआर दर्ज करने की सुविधा प्रदान कर रहा है।

इसके अलावा स्वास्थ्य सहायता,हिंसा से पीड़ित महिला को प्राथमिक उपचार सहित निकटतम  चिकित्सा नजदीकी अस्पताल से सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। इसी कड़ी में मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई  जा रहा है।

अस्थाई आश्रय सुविधा केवल 5 दिन ओएससी अस्थाई आश्रय सुविधा प्रदान करता है और दीर्घकालिक आश्रय के लिए, स्वाधार गृह/नारी निकेतन और शेल्टर होम में आश्रय प्रदान किया जाता है।

वन स्टॉप सेंटर फरीदाबाद में हिंसा से पीड़ित महिलाओं की दर्ज शिकायतों का विवरण के अनुसार की वन स्टाप सैन्टर की प्रशासिका श्रीमती मीनू देवी ने जानकारी देते हुए बताया कि वन स्टाप सैन्टर में कुल प्राप्त  वर्ष 2016 से जून 2021 तक  कुल शिकायतें 1182 आई है। इनमें घरेलु हिंसा से सम्बंधित 393, बलात्कार से सम्बंधित 38, शारीरिक शोषण से सम्बंधित 60, एसिड अटैक का 1, महिला तस्करी के 2, बाल यौन शोषण के 39, गुमशुदा/किडनैपिंग के 166, साइबर क्राइम के 31, दहेज़ उत्पीडन के 8 सहित अन्य 391 केस आए हैं। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य परिवार के भीतर या कार्यस्थल पर या समुदाय के भीतर, निजी या सार्वजनिक स्थानों पर होने वाली हिंसा से प्रभावित महिलाओं का समर्थन करना।

विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए जो अपनी जाति, पंथ, नस्ल, वर्ग, शिक्षा की स्थिति, उम्र, संस्कृति या वैवाहिक स्थिति के बावजूद यौन, शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और आर्थिक शोषण का सामना करती हैं।

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